Monday , 16 June 2025
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उत्तराखंड: यहां खिला ‘स्वर्ग का फूल’, जानें क्यों है इतना खास

  • संजय चौहान!

शायद कोई ऐसा हो, जिसे फूल पसंद ना हों। ये बात अलग है कि पसंद सबकी अलग-अलग हो सकती है। लेकिन, कुछ फूल ऐसे भी होते हैं, जिसे देखकर हर किसी का मन मोहित हो जाए। गुलमोहर भी ऐसा ही फूल है, इस पर जिसकी नजर पड़ जाए, वो वहीं ठिठक जाता है और निहारता ही रह जाता है। गुलमोहर कई तरह के होते हैं। लाल और नीले लोगों की पहली पसंद है। नीले गुलमोहर को स्वर्ग का फूल कहा जाता है। यही स्वर्ग का फूल इन दिनों चमोली जिले की रौनक बढ़ा रहा है। खास बात यह भी कि लाल गुलमोहर गर्म और नीली ठंडी जगहों पर खिलता है।

आजकल चमोली जनपद में चमोली से लेकर गोपेश्वर तक सड़क किनारे और चमोली से पीपलकोटी के बीच खिले स्वर्ग के फूल यानी नीले गुलमोहर कई बहार है। इन फूलों ने पहाड़ की खूबसूरती को चारचांद लगा दिए हैं। इसकी सुंदरता हर किसी को भा रही है। स्थानीय लोगों को ये गुलमोहर के फूल खासे रोमांचित कर रहे हैं।

गोपेश्वर के जीरो बैंड तिराहे पर नीले गुलमोहर की सुंदरता की वजह से लोगों के बीच ये तिराहा, गुलमोहर तिराहा के नाम से जाना जाने लगा है। वहीं चमोली से पीपलकोटी के मध्य बिरही पुल के पास नीले गुलमोहर की सुंदरता को देखकर हर कोई अभिभूत हो रहा है। चेज हिमालय के सीईओ विमल मलासी, विनय मैठाणी कहते हैं नीले गुलमोहर के पेड़ो नें चमोली की सुंदरता बढाई है। सड़क के किनारे इसके फूल और पेड बेहद सुंदर दिखाई दे रहें हैं।

गुलमोहर का मूल ब्राजील माना जाता है, तो कुछ इसे मैडागास्कर का मानते हैं। आज यह पूरी दुनिया में फैल गया है। उत्तराखंड के हल्द्वानी को लाल गुलमोहर शहर कहा जाता है क्योंकि यहाँ गुलमोहर के सैकड़ो पेड है। जबकि चमोली से लेकर गोपेश्वर तक सड़क के किनारे दर्जनों नीले गुलमोहर के पेड़ को दूर से देखने पर ऐसा लगता है मानो उस पेड़ पर कोई बादल आकर बैठा हो। वनस्पति विज्ञानी इसे जैकरंडा मिमोसिफोलिया कहते हैं। जैकरंडा ब्राज़ीली नाम है। उत्तराखंड का हल्द्वानी लाल गुलमोहर का शहर है जबकि चंबा से नाचणी और सावली गांव तक नीले गुमोहर की अद्भुत बहार छाई हुई है। गढ़वाल के गांव इस दूर देश से आए जैकरेंडा यानी नीले गुलमोहर को बहुत पसंद आए हैं। इन्हें दाख कर अद्भुत सम्मोहन होता है। इसे ‘स्वर्ग का फूल’ के नाम से भी जानते हैं। गुलमोहर के फूल मकरंद के अच्छे स्रोत हैं। शहद की मक्खियाँ फूलों पर खूब मँडराती हैं। मकरंद के साथ पराग भी इन्हें इन फूलों से प्राप्त होता है। फूलों से परागीकरण मुख्यतया पक्षियों द्वारा होता है।

गुलमोहर के फूल का वनस्पति नाम जैकरंगा है। इसे आम तौर पर स्वर्ग के फूल भी कहा जाता है। यह उत्तराखंड के चमोली व हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में बहुतायत में पाया जाता है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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